ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਚੇਤਨਾ ਪਰਖ ਪ੍ਰੀਖਿਆ 19 ਤੇ 20 ਅਕਤੂਬਰ 2024 ਨੂੰ

      ਇਸ ਵਾਰ ਦੀ  ਇਹ 6ਵੀਂ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਚੇਤਨਾ ਪਰਖ ਪ੍ਰੀਖਿਆ 19 (ਸ਼ਨੀਵਾਰ) ਤੇ 20 (ਐਂਤਵਾਰ) ਅਕਤੂਬਰ 2024 ਨੂੰ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਸ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਦਾ ਉਦੇਸ਼ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦਾ ਸੋਚਣ ਢੰਗ ਵਿਗਿਆਨਕ ਬਣਾਉਣ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਸ਼ਾਨਾਮੱਤੇ ਇਤਿਹਾਸ ਤੋਂ ਜਾਣੂੰ ਕਰਾਉਣ ਤੇ ਫਿਲਮੀ ਨਾਇਕਾਂ ਦੀ ਬਜਾਏ ਦੇਸ਼ ਲਈ ਕੁਰਬਾਨ ਹੋਣ ਵਾਲ਼ੇ ਸਮਾਜ ਦੇ ਅਸਲ ਨਾਇਕਾਂ ਦੇ ਰੁਬਰੂ ਕਰਵਾਉਣਾ ਹੈ। ਅਕਤੂਬਰ 2024 ਵਿੱਚ ਹੋਣ ਵਾਲੀ ਮਿਡਲ ਤੇ ਸੈਕੰਡਰੀ ਵਿਭਾਗਾਂ ਦੀ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਰਜਿਸਟ੍ਰੇਸ਼ਨ ਮਿਤੀ 30 ਸਤੰਬਰ ਹੈ। ਆਓ, ਇਸ ਵਾਸਤੇ ਨੇੜਲੀ ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਇਕਾਈ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਕਰਕੇ ਵਿਦਿਅਰਥੀਆਂ ਤੇ ਸਮਾਜ ਦੇ ਚੰਗੇਰੇ ਭਵਿੱਖ ਲਈ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਚੇਤਨਾ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਬਣਾਈਏ। ਇਸ ਦੀ ਇਥੇ ਜਾ ਕੇ ਰਜਿਸਟ੍ਰੇਸ਼ਨ ਕਰਵਾ ਸਕਦੇ ਹੋ।

ਵੱਲੋਂ;

ਤਰਕਸ਼ੀਲ ਸੁਸਾਇਟੀ ਪੰਜਾਬ

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डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के विरोध में धरना

रायपुर, 25 अगस्त (दिनेश मिश्र): महाराष्ट्र के पूना में अंधश्रद्धा निर्मूलन के लिए कार्यरत डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के विरोध में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, छत्तीसगढ़ ने राजधानी में एकदिवसीय धरना देकर अपना विरोध प्रकट

किया। इस धरने में 50 विभिन्न समाजिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित पत्रकार, चिकित्सक, अधिवक्ता, रंगकर्मी, लेखक व सभी वर्गों ने हिस्सा लिया। सभी ने एक स्वर से इस हत्या की घोर निंदा की और स्वर्गीय दाभोलकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर अंधश्रद्धा के लिए कड़े कानून बनाने की मांग की। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि डॉ. नरेंद्र दाभोलकर पिछले अनेक वर्षों से पूना में अंधविश्वास निर्मूलन के लिए कार्य कर रहे थे। महाराष्ट्र में समिति पिछेल कई वर्षों से अंधश्रद्धा निरोधक कानून बनाने के लिए प्रयास कर रही है। इस सत्र में यह विधेयक विधानसभा में पेश होना था। महाराष्ट्र के कुछ उग्र संगठन इस विधेयक का विरोध कर रहे थे। डॉ. दाभोलकर के हत्यारे कानून की पकड़ से बाहर हैं। रविवार को राजधानी के बूढ़ापारा स्थित धरनास्थल में सभी नागरिकों व संगठन ने एकदिवसीय धरना दिया। स्वर्गीय दाभोलकर जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत सभी ने अपने-अपने विचार रखे। डॉ. दिनेश मिश्र ने इस हत्याकांड की घोर निंदा करते हुए कड़े कानून बनाने पर जोर दिया। उन्होंने समिति के कार्यों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि डॉ. दाभोलकर के कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें सही अर्थों में श्रद्धांजलि होगी। अंधश्रद्धा समिति सदैव समाज में अंधश्रद्धा के निर्मूलन के लिए कार्यरत रहेगी। इस अवसर पर अंजय शुक्ला ने कहा कि समाज के पढ़े-लिखे लोग कथित बाबाओं के फेर में लुट रहे हैं। विज्ञान की प्रगति के इस युग में भी लोग अंधविश्वासी हैं जो आश्चर्य का विषय है। धरने में सभी ने एक स्वर से इस घटना की पुनरावृत्ति न होने हेतु कड़े कदम उठाने की मांग की। इस धरने को राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न संगठनों, सभी वर्ग के नागरिकों ने सहयोग दिया। इस अवसर पर हरप्रसाद अग्रवाल डॉ. हरिश बंछोर, अंजय शुक्ला,ज्ञानचंद विश्वकर्मा, डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, निसार अली, राजकमल नायक, डॉ. चंद्रशेखर व्यास, डॉ. सुनील गोल्हानी, मिनहाज असद, डॉ. संजय शुक्ला, अनिल केवलानी, डॉ. राकेश गुप्ता, आसिफ इकबाल, कमलेश गोगिया, इमरान खान, मूलचंद पृथवानी, डॉ. प्रवीण शर्मा, अरुण काठोटे, रमा मिश्रा, अंजु मेश्राम, शेखर अमीन, डॉ. अशोक वर्मा, डॉ. जे चंद्राकर, डॉ. एचएस कर, राजश्री पुरोहित आशीष शुक्ल, समीर मिश्रा, सहित कई नागरिक मौजूद थे।